लेखनी प्रतियोगिता -16-Mar-2023 मोबाइल मेरी आदत जरूरत बन गया
शीर्षक-मोबाइल मेरी आदत जरूरत बन गया
मोबाइल मेरी आदत बन गया,
आज मेरी जरूरत बन गया,
इसके बिना ना होता कोई काम,
जग में कराता मेरा नाम।
बड़ी-बड़ी जरूरत को करता पूर्ण,
बनाता मुझे सब काम में निपुण।
निखर रहा है आज मेरा रूप,
सारे जहां में बनी अनूप।
मोबाइल से सीख रही दोहे छंद,
अभ्यास कार्य में रहती बंध,
मोबाइल बना जीवन संग,
आदत बन गई जरूरत अब।
सतत निभाती साथ,
कनक बनाती आज,
मोबाइल आदत बनी साज,
करती सतत काज।
थी दुनिया से बेखबर,
मोबाइल से मिलती अंतस खबर,
मोबाइल से न हटे नजर,
मोबाइल से मिली मंजर।
बनी आज मैं साहित्यकार,
मोबाइल ने दी मुझे पहचान,
घर से निकलना था दुश्वार,
घर पर बैठकर काम किए हजार।
अनेक सामान पाए आज ,
लिखनी का करके काज,
हुआ हम पर सभी को नाज,
आदत ने बना दी मेरी पहचान।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा प्रिया
Shashank मणि Yadava 'सनम'
17-Mar-2023 08:09 AM
बहुत ही सुंदर सृजन
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Abhinav ji
17-Mar-2023 07:53 AM
Very nice 👍
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Reena yadav
17-Mar-2023 05:35 AM
👍👍
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